अगर आपको कोई पुलिस वाला तंग करता है, आपकी दुकान पे आकर फ़्री का सामान माँगता है, तो इस विषय में आपकी मदद कौन कर सकता है?

इस दुनिया में ज्यादा डर कर जीने वालों की कोई भी कुछ भी कर सकता है। आगे वाला आपको भाप लेता है आपकी कमजोरी को, अगर आप सोचते हैं भला रिस्क क्यों लेना तो भाई साहब इस दुनिया में ताकतवर लोगो की ज्यादा चलती है। और अगर आप उसके सामने घुटने टेक दें... तो आप इस दुनिया में जीने लायक ही नहीं बचेंगे।
लेकिन ताकतवर से निपटने के लिए एक दिमाग भी उस ताकतवर इंसान को गिरा सकता है। बस जरूरत है उसे जानकारी की।
आज मैं आपको एक जानकारी देना चाहता हूं ऐसे ही एक पुलिस वाले का को एक गरीब दुकानदार से Free का सामान ले जाता था और पैसे मांगने पर धमकियां देता था। 
पुलिस में यू तो एक से एक जाबाज़ और ईमानदार लोग भरे पड़े है, परंतु कुछ ऐसे भी है जिनकी तनख्वाह बैंक में पड़ी रहती है, और उनके घर का खर्च राशन पानी की दुकानों तथा ठेली पटरी वाले दुकानदारों की बदौलत चलता है।
तो आइए एक सच्ची घटना बताता हूं, एक वकील साहब के घर के सामने ठेली पर सब्ज़ी बेचने वाले, और उस ठेली से मुफ्त सब्ज़ी लेने वाले एक पुलिस कांस्टेबल के बीच घटा था।

तो जनाब ठेली वाले के पास लगभग रोज़ एक पुलिस वाला डंडा फटकारते आता और ठेली वाले को सड़क घेरने के जुर्म में अंदर करने की धमकी देता हुआ सब्ज़ियां अलट-पलट के देखता और खुद ही पॉलीथिन लेकर मन मर्ज़ी की सब्जियां भरता और चला जाता।

वो गरीब ठेली वाला पुलिस की वर्दी के डर से कुछ नही बोल पाता और मन मसोज़कर रह जाता।

एक दिन वकील साहब उससे सब्ज़ी लेने के लिए मोल भाव करने लगे, तो सब्ज़ी वाला बोल पड़ा साहब यहाँ खड़ा होने के लिए ही रोज़ 70 से 80 रुपये की सब्ज़ी पुलिस को देनी होती है महंगी नही बेचूंगा तो परता कैसे खाएगा।

अब वकील साहब ने सारा माज़रा समझकर उस सब्ज़ी वाले से कहा कि तू रोज़ उसके आने से पहले अपनी ऊपर की जेब मे मोबाइल रखकर रिकॉर्डिंग कर, और जब रिकॉर्डिंग चल रही हो तो सब्ज़ी के पैसे उस पुलिस वाले से मांगना।

उस ठेली वाले को वकील साहब का साथ मिला तो उसने भी वैसा ही किया जैसा वकील साहब ने करने को बोला।

अब पुलिस वाला आया और रोज़ की तरह सब्ज़ियां थैली में भरकर जाने लगा तो सब्ज़ी वाले ने कहा साहब तीन महीने से आप इतनी ही सब्ज़ियां लेजा रहे हो, सब्ज़ी के पैसे भी तो दो।

इसपर पुलिस वाले ने थप्पड़ उठाकर चार गालियां दी और कहा, पैसे चाहिए तो थाने आजा, या पुलिस कप्तान से ले लियो अपनी सब्ज़ी के पैसे।

अब उपरोक्त बातचीत फ़ोन कैमरे में रिकॉर्ड हो गई थी तो वकील साहब ने उस रिकॉर्डिंग के आधार पर उस सब्ज़ी वाले से पुलिसवाले की शिकायत करने को कहा।

वो गरीब सब्जीवाला बोला कि साहब हम शिकायत नही कर सकते, वो पुलिसवाला है जब चाहेगा हमको पिटेगा या थाने में बंद कर देगा।

वकील साहब को शरारत सूझी, उन्होंने कहा तेरी बात तो सही है, अच्छा ये बता, अगर तुझे तेरी तीन महीने फ्री गई सब्ज़ियों के पैसे मिल जाए और पुलिसवाले की शिकायत भी ना करनी पड़े तब तो कोई दिक्कत नही है।

वो खुशी से उछल पड़ा और बोला क्या ऐसा हो सकता है वकील साहब। वकील साहब बोले बिल्कुल होगा, तू वकालतनामें पर हस्ताक्षर कर दे तेरी कार्यवाह मुफ्त कर दूंगा।

सब्जीवाले ने वकालतनामे पर हस्ताक्षर किए और वो फ़ोन रिकॉर्डिंग वकील साहब को दे दी।

अब क्योंकि वकालतनामे अनुसार वकील अपने क्लाइंट की जगह स्वयं कार्यवाही कर सकते है तो वकील साहब ने कार्यवाही शुरू की।

उन्होंने जिले के पुलिस कप्तान को उस पुलिसवाले की शिकायत ना करते हुए केवल एक कानूनी नोटिस भेजा।

उन्होंने उस नोटिस के साथ फ़ोन रिकॉर्डिंग की सीडी भी भेजी जिसमे वो पुलिसवाला ये कह रहा था कि जा पुलिस कप्तान से पैसे ले लियो।

तो बस उन्होंने पुलिस कप्तान से उस नोटिस के माध्यम से तीन महीने की सब्ज़ियों का मूल्य मय साधारण ब्याज के जो लगभग 9 हज़ार 600 रुपये होता था, मांगा, और लिखा कि, मेरे क्लाइंट ने आपके कर्मचारी को इस बात का भरोसा करते हुए कि पैसे आप दोगे सब्जियों के, क्योंकि आपका कर्मचारी पैसे आपसे लेने को कहकर सब्ज़ी ले जाता रहा है, और आपने मेरे क्लाइंट के पैसे नही चुकाए है, इसलिए आप 15 दिनों के भीतर मेरे क्लाइंट के 9,600 रुपये चुकाने का कष्ट करें, अन्यथा आपके खिलाफ उचित कानूनी कार्यवाही होगी।

बस फिर क्या था पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया, वो पुलिस वाला ससपेंड हुआ और विभागीय कार्यवाही शुरू हुई, उस पुलिस वाले कि तनख्वाह से काटकर 9,600 रुपये का चेक सब्ज़ी वाले को वकील साहब के सामने दिया गया। 

तो देखिए मामला कोई भी हो अगर आप सही है, तो आपको कोई हरा नहीं सकता। आप अगर अकेले खड़े होंगे तो आपके साथ सब खड़े हो जाएंगे। 

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